4 comments:

  1. लखदाद। जोरदार काम कर दियो आप तो। लाग्या रैवो।
    लीक-लीक गाडी चालै, लीकां चलै कपूत।
    लीक छोड तीन चलै, सायर-सिंघ-सपूत॥
    आप नूवीं लीक काढी। रंग है आपनै।

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  2. BHAI DULARAM,LAKHDAD.
    VISHWANATH BHATI

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  3. भाई साहब ब्लॉग पर फॉण्ट सही नहीं दिख रहे हैं। शायद यह टेम्पलेट बदलने की जरूरत है। लेकिन मुझे यकीन आपने जो लिखा वो अच्छा ही है।

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  4. It is a good work for researchers.Many thanks to Dear Dularam.

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